1. हनुमान: जिनकी ठोड़ी में दरार हो ।
ॐ श्री हनुमते नमः
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/hanuman-ji.jpg)
2. अञ्जनी सुत- देवी अंजनी के पुत्र
ॐ अञ्जनी सुताय नमः
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/Anjani-sut.jpg)
3. वायु पुत्र – पवनदेव के पुत्र
ॐ वायुपुत्राय नमः ।
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/Vayu-putra.jpg)
4. महाबल : जो बहुत बलवान हो !!
ॐ महाबलाय नमः ।
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/Mahabalay-709x1024.jpg)
5. रामेष्ट : भगवान श्रीराम के प्रिय !!
ॐ रामेष्ठाय नमः!!
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/Ramesht-718x1024.jpg)
6. फाल्गुण सखा – अर्जुन के मित्र!!
ॐ फाल्गुण सखाय नमः।
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/Falgun-sakha.jpg)
7. पिङ्गाक्ष – लाल या सुनहरी आंखों वाले!
ॐ पिंगाक्षाय नमः!!
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/Pingakshay.jpg)
8. अमित विक्रम: जो असीम वीरता के मालिक हो!
ॐ अमितविक्रमाय नमः।
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/Amit-Vikram-819x1024.jpg)
9. उदधिक्रमण : एक छलांग में समुद्र पार करने वाले!!
ॐ उदधिक्रमणाय नमः।
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/udhdhi-karman.jpg)
10. सीता शोक विनाशन: माता सीता का दुख दूर करने वाले
ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः।
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/Sita-Shok-vinashan.jpg)
11. लक्ष्मण प्राण दाता : लक्ष्मण के प्राण वापस लाने वाले!!
ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/lakshman-pran-data.jpg)
12. दशग्रीव दर्पहा: दस सिर वाले रावण के घमंड का नाश करने वाला!!
ॐ दशग्रीवस्य दर्पाय नमः
![](https://sanatanpathshala.com/wp-content/uploads/2022/11/dashgreeve-darpaha.jpg)
हनुमानजी के 12 नाम वाली स्तुति:
हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत्।
राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।
हनुमान जी के बारह नाम अर्थ सहित: हिंदू धर्म में हनुमान जी की बहुत मान्यता है। हनुमान जी शीघ्रता से प्रसन्न होने वाले देवता है । इनके पूजा पाठ करने से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी की पूजा करने से सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। ग्रह दोष दूर होते हैं, कठिन समय में हिम्मत मिलती है तथा समस्याओं का समाधान होता है। हनुमान जी की पूजा से अज्ञात भय से राहत मिलती है। हनुमान जी की पूजा करने से शांति मिलती है।
हनुमान जी की पूजा करने से और हनुमान जी के 12 नामों का पाठ करने से शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैय्या का असर समाप्त होता है तथा शुभ फल की प्राप्ति होती है।
हनुमान जी भगवान शिव के ग्यारहवें रूद्र अवतार हैं। हनुमान जी भगवान श्री राम के अमर और अनन्य भक्त है। हनुमान जी विजय के प्रतीक हैं। शक्ति, ज्ञान और भक्ति के उदाहरण है हनुमान जी। हनुमान जी बुराई के विनाशक और भक्तों के रक्षक हैं।
हनुमान जी का जन्म: हनुमान जी का जन्म त्रेता युग के अंतिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन झारखंड के गुमला जिले के आंजन नामक पहाड़ी गांव में हुआ था। उनकी माता का नाम अंजनी है। हनुमान जी को और भी बहुत से नामों से जाना जाता है । उनके प्रसिद्ध नाम है पवन पुत्र, बजरंगबली, संकट मोचन, शंकर सुवन, केसरी नंदन, अंजनी सुत, महावीर और कपीश।
हनुमान जी आठ सिद्धियां और नौ निधियों के दाता हैं । हनुमान जी अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। हनुमान जी के इन बारह नामों का पाठ करने से हमें दसों दिशाओं और आकाश- पाताल से भी आशीर्वाद प्राप्त होता है । हनुमान जी के इन नामों का पाठ करने के सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है और ग्रह दोष का निवारण होता है।
Also Read:
- Manojavam Maarutatulyavegam Meaning in Hindi
- Na Kalasya Na Sakrasya – Hindi Meaning
- Shri Hanuman Chalisa Lyrics
- Aarti Hanuman Ji Ki