कहइ रीछपति सुनु हनुमाना चौपाई –

कहइ रीछपति सुनु हनुमाना। का चुप साधि रहेहु बलवाना॥
पवन तनय बल पवन समाना। बुधि बिबेक बिग्यान निधाना॥
कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं।।

कहइ रीछपति सुनु हनुमाना भावार्थ –

वनवास काल में जब सीता का हरण हो गया था,तब पूरी वानर सेना सीता जी की खोज में रावण की लंका जाने के लिए समुद्र को पार करना था उस समय हनुमान को अपनी शक्ति का एहसास नहीं था तब ऋक्षराज जामवन्त उस समय हनुमान जी को उनकी शक्ति की याद दिलाते हुए कह हैं-

ऋक्षराज जाम्बवान ने श्री हनुमान जी से कहा- हे हनुमान्‌! हे बलवान्‌! सुनो, तुमने यह क्या चुप साध रखी है? तुम पवन के पुत्र हो और बल में पवन के समान हो। तुम बुद्धि-विवेक और विज्ञान की खान हो॥

By Amit Gupta

Amit is a digital marketer by profession. He felt the need to publish hindi meaning of all shlokas and mantra, so that people can understand them properly and started Sanatan Pathshala Website.

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