Maa Lakshmi stavan

लक्ष्मी स्तवन

श्लोक

या रक्ताम्बुजवासिनी विलसिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्त रूधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी।।
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगंटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती।।

लक्ष्मी स्तवन का हिन्दी में भावार्थ:

जो लाल कमल में रहती है, जो अपूर्व कंातिवाली है, जो असहृय तेजवाली है, जो पूर्ण रूप से लाल है, जिसने रक्तरूप वस्त्र पहने हैं, जो भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, जो लक्ष्मी मन के आनन्द देती है, जो समुद्रमंथ से प्रकट हुई है, जो विष्णु भगवान की पत्नी है, जो कमल से जन्मी हैं और जो अतिशय शून्य है, वैसी हे लक्ष्मी देवी! आप मेरी रक्षा करें।

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By Amit Gupta

Amit is a digital marketer by profession. He felt the need to publish hindi meaning of all shlokas and mantra, so that people can understand them properly and started Sanatan Pathshala Website.

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